शुभमन गिल को इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ के लिए भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। क्या उनकी तुलना विराट कोहली से करना अभी सही है? इस लेख में जानें गिल के आँकड़े, उनकी कप्तानी की शैली, गंभीर के साथ तालमेल और इंग्लैंड दौरे की चुनौतियाँ।
शुभमन गिल और विराट कोहली – क्या इतिहास दोहराएगा खुद को?
भारतीय क्रिकेट में एक दिलचस्प संयोग सामने आया है। जिस तरह 2014 में महेंद्र सिंह धोनी के अचानक टेस्ट संन्यास के बाद विराट कोहली को कप्तानी मिली थी, उसी तरह अब शुभमन गिल को 2025 में इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई है।
विराट कोहली उस समय 26 साल के थे, और गिल आज 25 साल 285 दिन के हैं। सवाल यह है – क्या शुभमन गिल कोहली की तरह भारत को एक नया टेस्ट युग दे सकते हैं?
📊 गिल बनाम कोहली: टेस्ट करियर के शुरुआती आँकड़े क्या कहते हैं?
आँकड़े | विराट कोहली (2014 तक) | शुभमन गिल (2024 तक) |
---|---|---|
मैच | 29 | 32 |
रन | 1855 | 1893 |
औसत | 39.46 | 35.05 |
शतक | 6 | 5 |
अर्धशतक | 9 | 7 |
- कोहली ने शुरुआत में ही बड़ा प्रभाव डाला था, जबकि गिल का सफर थोड़ा उतार-चढ़ाव भरा रहा है।
- इंग्लैंड में गिल का रिकॉर्ड कमजोर रहा है — सिर्फ 88 रन, औसत 14.66।
- लेकिन यह भी सच है कि कोहली के शुरुआती वर्षों में भी इंग्लैंड चुनौतीपूर्ण रहा था।
🧠 गिल की कप्तानी की शैली: कोहली की आक्रामकता और रोहित की शांति का मेल
- गिल में कोहली जैसी आत्म-सजगता और रोहित जैसी शांति दोनों मौजूद हैं।
- आईपीएल में गुजरात टाइटंस के कप्तान के रूप में वह संयम और संतुलन दिखा चुके हैं।
- दबाव में भी उनकी बल्लेबाज़ी पर असर नहीं पड़ा, जो कि नेतृत्व के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
🧩 गंभीर और गिल की जोड़ी: कोच-कप्तान तालमेल की परीक्षा
- गौतम गंभीर की सोच स्पष्ट, तेज़ और रणनीतिक है।
- गिल को गंभीर के साथ आत्मविश्वास और तालमेल बैठाना होगा।
- अभिषेक नायर अब टीम में नहीं हैं, इसलिए अब सीधा संवाद ज़रूरी होगा।
🏏 इंग्लैंड दौरे की चुनौती: गहरे पानी में पहली परीक्षा
- इंग्लैंड तेज गेंदबाज़ों के संन्यास के बाद खुद बदलाव के दौर में है।
- यह गिल के लिए भी एक मौका है – खुद को एक टेस्ट बल्लेबाज और कप्तान दोनों के रूप में स्थापित करने का।
- वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत भी इसी दौरे से हो रही है – दबाव और मौका दोनों चरम पर हैं।
🧱 क्या गिल अगला कोहली बन सकते हैं?
- कोहली ने टेस्ट कप्तानी से अपना मुकाम बनाया।
- गिल के पास भी यही रास्ता है — युवा उम्र, समय और टीम का समर्थन।
- चयनकर्ताओं का भरोसा यह दिखाता है कि उन्हें केवल एक दौरे के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है।
✅ निष्कर्ष: गिल के लिए यह एक ‘अब या कभी नहीं’ मौका है!
शुभमन गिल की कप्तानी में शुरुआत कोहली से तुलना करना जल्दबाज़ी हो सकती है, लेकिन परिस्थितियाँ ज़रूर मिलती-जुलती हैं। अगर गिल इंग्लैंड की चुनौती को पार कर पाए तो यह उनके करियर की दिशा बदलने वाला क्षण हो सकता है।
अब सबकी निगाहें हेडिंग्ले पर हैं — क्या गिल उस क्षण को पकड़ पाएंगे?
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