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पटौदी ट्रॉफी को बचाने मैदान में उतरे सचिन तेंदुलकर, ICC भी हुआ सहमत

Sachin Tendulkar ने बचाई पटौदी ट्रॉफी की विरासत test series में Pataudi पदक मिलेगा

जब नाम बदलने की आई बात, तो खुद तेंदुलकर ने उठाई पटौदी ट्रॉफी की विरासत बचाने की ज़िम्मेदारी

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज को लेकर जब यह खबर सामने आई कि अब इसका नाम एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी होगा और पटौदी ट्रॉफी को रिटायर किया जा रहा है, तो सोशल मीडिया से लेकर पूर्व खिलाड़ियों तक नाराज़गी की लहर दौड़ गई। लेकिन इस शोर के बीच जिस आवाज़ ने सबसे ज्यादा असर डाला, वो थी सचिन तेंदुलकर की।

सचिन ने खुद इस मामले में दखल देते हुए BCCI और ECB दोनों के अधिकारियों से सीधा संवाद किया और आग्रह किया कि पटौदी साहब की विरासत को इतिहास के पन्नों से मिटने नहीं दिया जाए। उन्होंने ज़ोर दिया कि पटौदी ट्रॉफी भारत और इंग्लैंड की टेस्ट सीरीज का गर्व है और इसका सम्मान बना रहना चाहिए।


ECB ने माना सचिन का सुझाव, विजेता कप्तान को मिलेगा ‘पटौदी पदक’

तेंदुलकर के इस हस्तक्षेप के बाद आखिरकार ECB ने भी कदम पीछे खींचा और अब एक संतुलन निकाला गया है। भले ही सीरीज का आधिकारिक नाम एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रहेगा, लेकिन विजेता टीम के कप्तान को ‘पटौदी पदक’ से सम्मानित किया जाएगा।

ECB के एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम पटौदी कनेक्शन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इस कदम से उन तमाम फैंस को राहत मिली है जो पटौदी ट्रॉफी के नाम से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं।


पटौदी ट्रॉफी – एक नाम, एक विरासत, एक प्रेरणा

2007 में पहली बार पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत हुई थी, जो भारत के 1932 में पहले टेस्ट मैच के 75 साल पूरे होने के अवसर पर शुरू की गई थी। स्वर्गीय मंसूर अली खान पटौदी, जिन्हें देश ‘टाइगर पटौदी’ के नाम से जानता है, सिर्फ 21 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा टेस्ट कप्तान बने थे।

पटौदी ना सिर्फ एक शानदार बल्लेबाज थे, बल्कि उन्होंने भारतीय टीम की मानसिकता को भी बदला — आत्मविश्वास, आक्रामकता और मैच जिताने का जज़्बा दिया।


एंडरसन और तेंदुलकर — दो लीजेंड, एक सम्मान

इस बार की टेस्ट सीरीज भले ही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के नाम से जानी जाएगी, लेकिन यह नाम भी छोटा नहीं है। सचिन तेंदुलकर, जिनके नाम 200 टेस्ट और 15,921 रन का रिकॉर्ड है, और जेम्स एंडरसन, जिन्होंने 188 टेस्ट में 700 से ज्यादा विकेट लिए — दोनों ही क्रिकेट इतिहास के अमर स्तंभ हैं।

ECB और BCCI ने इन दोनों दिग्गजों के सम्मान में यह ट्रॉफी नामित की है, लेकिन अब सचिन के प्रयासों से पटौदी जी की विरासत भी इसके साथ जुड़ी रह पाएगी।


20 जून से लीड्स में आगाज़, भारत के पास इतिहास रचने का मौका

भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की यह ऐतिहासिक सीरीज 20 जून से लीड्स में शुरू होगी। अंतिम मुकाबला 31 जुलाई को द ओवल में खेला जाएगा। भारत ने आखिरी बार 2007 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी। इस बार टीम शुभमन गिल की कप्तानी में इतिहास दोहराने उतरेगी — एक ऐसी ट्रॉफी के लिए जो अब सिर्फ नामों की नहीं, विरासत और संघर्ष की भी प्रतीक बन चुकी है।


संवेदनशील क्षण में लिया गया फैसला: अनावरण स्थगित

इस बीच, एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का आधिकारिक अनावरण फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला हाल ही में अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना की वजह से लिया गया। BCCI और ECB दोनों ने इस दुखद क्षण में शोक व्यक्त करते हुए कार्यक्रम को टालने का निर्णय लिया है।

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