4 जून 2025 को RCB की ऐतिहासिक जीत के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जश्न का माहौल मातम में बदल गया। ट्रॉफी के दीदार के लिए हजारों फैंस इकट्ठा हुए, लेकिन अचानक मची भगदड़ में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने सिर्फ फैंस को नहीं, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया। अब इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से RCB को एक और बड़ा झटका मिला है।
क्या हुआ 4 जून को?
RCB की जीत का जश्न मनाने के लिए टीम ने एक फैन इवेंट का आयोजन किया था। इस दौरान बड़ी संख्या में फैंस चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हो गए। आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था नाकाफी साबित हुई और अफरातफरी मच गई। भगदड़ के कारण 11 लोगों की मौत और कई अन्य घायल हो गए। इसके बाद सवाल उठने लगे कि आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है?
हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया?
RCB के मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड निखिल सोसले को 6 जून को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और अंतरिम जमानत की मांग की थी। लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल पुलिस की कार्रवाई में कोई राजनीतिक प्रेरणा नहीं दिखती। कोर्ट ने 11 जून तक आदेश सुरक्षित रखा है और अगली सुनवाई अब 12 जून 2025 को होगी।
BCCI ने क्या कहा?
BCCI ने इस मामले से दूरी बना ली है। बोर्ड के सचिव देवजीत सहकिया ने बयान दिया कि यह आयोजन RCB का निजी कार्यक्रम था और इसका BCCI से कोई लेना-देना नहीं है। इस स्टेटमेंट के बाद सोशल मीडिया पर फैंस के बीच यह चिंता फैल गई कि अगर कोर्ट ने RCB को दोषी माना, तो BCCI टीम पर बैन भी लगा सकता है। हालांकि, अभी तक BCCI की ओर से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।
क्या RCB पर बैन लग सकता है?
फिलहाल, यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि RCB पर बैन लगेगा। अभी जांच और कानूनी प्रक्रिया चल रही है। RCB के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अगर कोर्ट में दोष सिद्ध होता है और BCCI को लगता है कि उसकी छवि को नुकसान पहुंचा है, तभी कोई सख्त कार्रवाई संभव है।
आगे क्या हो सकता है?
- 12 जून 2025 को अगली सुनवाई होगी, जिसमें कोर्ट आदेश जारी कर सकता है।
- अगर निखिल सोसले को जमानत नहीं मिलती, तो जांच और गहराई से आगे बढ़ेगी।
- BCCI इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है और कोई भी निर्णय कोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर लिया जाएगा।
- RCB को अपनी छवि को लेकर सतर्क रहना होगा और शायद PR रणनीति में बदलाव भी करना पड़े।
निष्कर्ष
RCB भगदड़ मामला सिर्फ एक हादसा नहीं है, बल्कि एक बड़ी जवाबदेही की परीक्षा बन चुका है। हाईकोर्ट से मैनेजर को राहत नहीं मिलना इस बात का संकेत है कि कोर्ट इस केस को गंभीरता से ले रहा है। हालांकि, अभी तक RCB को दोषी करार नहीं दिया गया है और न ही बैन की कोई आधिकारिक पुष्टि है। फैंस को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगले कुछ हफ्ते RCB के भविष्य के लिए बेहद अहम होने वाले हैं।
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