दिल्ली कैपिटल्स को इस सीज़न एक और बड़ा झटका लगने वाला है। करुण नायर और मुकेश कुमार, जो इस समय दिल्ली कैपिटल्स के लिए अहम खिलाड़ी माने जा रहे हैं, IPL 2025 के प्लेऑफ में अपनी टीम का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। इसका कारण है भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए इंडिया ए टीम में चुना जाना।
अभिमन्यु ईश्वरन की कप्तानी में इंडिया ए टीम 30 मई से इंग्लैंड लायंस के खिलाफ तीन चार-दिवसीय मैच खेलने वाली है। इसके चलते करुण नायर और मुकेश कुमार दिल्ली कैपिटल्स के प्लेऑफ मुकाबलों से बाहर हो जाएंगे, अगर DC क्वालीफाई करती है।
दिल्ली कैपिटल्स की बढ़ती परेशानी
इस वक्त दिल्ली कैपिटल्स प्वाइंट्स टेबल में 13 अंकों के साथ 11 मैचों में पांचवें स्थान पर है। टीम को अभी अपने बाकी तीन लीग मैच (गुजरात टाइटंस, मुंबई इंडियंस और पंजाब किंग्स के खिलाफ) जीतने की जरूरत है। अगर PBKS भी मुंबई इंडियंस को हरा देती है, तो दिल्ली कैपिटल्स प्लेऑफ में क्वालीफाई कर सकती है।
लेकिन यहां मुश्किल यह है कि टीम पहले ही अपने कई विदेशी खिलाड़ियों जैसे मिचेल स्टार्क, फाफ डु प्लेसिस, जेक फ्रेजर-मैकगर्क और डोनोवन फरेरा को विभिन्न कारणों से खो चुकी है। अब करुण नायर और मुकेश कुमार का जाना टीम की रणनीति पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
करुण नायर और मुकेश कुमार का इंडिया ए में चयन
BCCI ने शुक्रवार को इंग्लैंड दौरे के लिए इंडिया ए टीम का ऐलान किया, जिसमें करुण नायर और मुकेश कुमार का नाम शामिल है। करुण, जो रणजी और विजय हजारे ट्रॉफी के हालिया सीज़नों में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं, इस दौरे के जरिए अपने करियर को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, मुकेश कुमार ने भी अपनी तेज गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया है।
करुण नायर ने इस साल रणजी ट्रॉफी में 863 रन बनाए और विजय हजारे ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन कमाल का रहा। दूसरी ओर, मुकेश कुमार को अपनी गेंदबाज़ी के लिए लगातार सराहना मिली है।
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इंग्लैंड दौरे का शेड्यूल
इंडिया ए और इंग्लैंड लायंस के बीच पहला चार-दिवसीय मैच 30 मई से 2 जून तक कैंटरबरी में खेला जाएगा। दूसरा मैच 6 जून से नॉर्थम्पटन में होगा और तीसरा 13 जून को सीनियर इंडिया टीम के खिलाफ एक अभ्यास मैच के रूप में आयोजित किया जाएगा।
क्या दिल्ली कैपिटल्स कर पाएगी मैनेज?
दिल्ली कैपिटल्स इस मुश्किल स्थिति में क्या रणनीति अपनाएगी, यह देखने वाली बात होगी। हालांकि, करुण और मुकेश को अपने देश के लिए खेलने का यह बड़ा मौका मिला है, लेकिन उनके बिना दिल्ली कैपिटल्स को अपनी ताकत और अनुभव की कमी जरूर महसूस होगी।
इस स्थिति से यह साबित होता है कि क्रिकेट में हर खिलाड़ी का संघर्ष और मेहनत उन्हें उनके करियर के अहम मोड़ पर ले आती है। करुण और मुकेश के लिए यह मौका बड़े फॉर्मेट में खुद को साबित करने का है, जो उनकी व्यक्तिगत और भारत की क्रिकेट रणनीति के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि दिल्ली कैपिटल्स अपने बाकी मुकाबलों में कैसा प्रदर्शन करती है और क्या वे अपने अहम खिलाड़ियों के अभाव में प्लेऑफ की दौड़ में बरकरार रह पाएंगे।