आईपीएल 2025 के एलिमिनेटर मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने यह साबित कर दिया कि वो बड़े मौकों की टीम हैं। भले ही मुकाबला गुजरात टाइटंस जैसी मजबूत टीम से था, लेकिन अनुभव, संयम और रणनीति के दम पर मुंबई ने 20 रनों की अहम जीत दर्ज की। मुंबई के खिलाड़ियों ने दिखाया कि कैसे दबाव में भी न केवल टिके रहना है, बल्कि विरोधी को तोड़ देना है।
गिल का आउट होना, डगआउट में सन्नाटा
पहले ओवर में ही शुभमन गिल का आउट होना गुजरात के लिए बड़ा झटका था। वो डगआउट में पैड्स पहने, चुपचाप बैठे रहे, मानो कुछ सोच रहे हों। मैदान में साई सुदर्शन और वॉशिंगटन सुंदर ने मोर्चा संभाला और शुरुआत में गुजरात की पारी को संभाल लिया। लेकिन टॉस के समय जो तनाव दिखा था हार्दिक और गिल के बीच, वो जैसे अब मैदान पर भी असर करने लगा।
माही की चालें और हार्दिक की रणनीति
मुंबई की योजना पहले स्पिन से दबाव बनाने की थी, लेकिन भारी ओस के कारण उस रणनीति में बदलाव करना पड़ा। अश्वनी कुमार को एक बार फिर मौका मिला, जिनकी गेंदबाजी पर हाल ही में सवाल उठे थे। लेकिन उन्होंने उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हुए दो किफायती ओवर डाले।
वॉशिंगटन सुंदर का हमला और बुमराह की वापसी
12वें ओवर तक गुजरात 130/2 तक पहुंच चुकी थी। सुंदर ने बाउल्ट को लगातार दो छक्के जड़ते हुए एक ओवर में 18 रन बटोर लिए। एक वक्त ऐसा लगा कि अब गुजरात मैच की रफ्तार पकड़ रही है। लेकिन तभी एक ब्रेक आया — सूर्यकुमार यादव को इलाज के लिए रोका गया, और फिर बुमराह ने कमाल कर दिया।
बुमराह ने सुंदर को ऐसी यॉर्कर डाली कि गेंदबाज ही नहीं, फैंस भी चौंक गए। सुंदर गिर पड़े और विकेट बिखर गया। यह वही पल था, जिसने मैच का रुख पूरी तरह बदल दिया। इसके बाद गुजरात की पारी बिखरती चली गई।
अश्वनी कुमार की नर्व्स-ऑफ-स्टील बॉलिंग
23 वर्षीय अश्वनी कुमार, जिन्हें शायद गुजरात ने कमज़ोर कड़ी समझा होगा, उन्होंने लगातार दो ओवर में सिर्फ 9-9 रन देकर कप्तान हार्दिक पंड्या का भरोसा जीत लिया। उनकी लाइन और लेंथ इतनी सटीक थी कि बल्लेबाज़ खुलकर शॉट नहीं खेल पाए।
सुदर्शन की शानदार पारी और अंत में गिरती दीवारें
साई सुदर्शन ने एक और बार दिखाया कि क्यों उन्हें भविष्य का स्टार कहा जा रहा है। उन्होंने 80 रन की संयमित पारी खेली, लेकिन जैसे ही उनका विकेट गिरा, गिल अपनी जगह से उठे और ड्रेसिंग रूम की ओर चले गए। मानो उनके मन में कुछ टूट गया हो।
तेवतिया ने एक शानदार छक्का जरूर मारा, लेकिन बुमराह के ओवर से सिर्फ 9 रन आए। फिर बाउल्ट ने रदरफोर्ड को आउट कर गुजरात की बची-खुची उम्मीदें भी खत्म कर दीं। आखिरी ओवर में अश्वनी ने फिर से कमाल करते हुए मैच को मुंबई के पक्ष में पूरी तरह मोड़ दिया।
“जीतने की आदत” ही है असली हथियार
मैच के बाद कोच महेला जयवर्धने ने कहा, “हमारे पास एक विजयी संस्कृति है, जो खिलाड़ियों को प्रेरित करती है। हमारे पास अनुभवी खिलाड़ी हैं जिन्होंने ट्रॉफी जीती है और उनका अनुभव नई टीम को आत्मविश्वास देता है।”
उन्होंने यह भी कहा, “हम कभी भी हार नहीं मानते। कोई भी स्थिति हो, हम अंत तक लड़ते हैं। यही हमारी पहचान है।”
दो कदम दूर इतिहास से
एक समय पॉइंट्स टेबल में नीचे चल रही मुंबई इंडियंस अब क्वालिफायर-2 में है और सिर्फ दो जीत दूर है अपने छठे खिताब से। जिस आत्मविश्वास, टीम स्पिरिट और अनुभव के साथ उन्होंने गुजरात को हराया, वो दिखाता है कि क्यों उन्हें आईपीएल की सबसे खतरनाक टीमों में गिना जाता है।
निष्कर्ष:
जहां गुजरात ने दबाव में हार मान ली, वहीं मुंबई इंडियंस ने उसे हथियार बना लिया। यही फर्क होता है एक चैंपियन टीम और एक चुनौती देने वाली टीम में। आईपीएल 2025 की यह रात, हमें फिर से सिखा गई — “कभी हार मत मानो, जब तक आखिरी गेंद न डाली जाए।”
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