श्रेयस अय्यर ने IPL 2025 के फाइनल के बाद अपनी कप्तानी को लेकर बड़ा बयान दिया। जानें कैसे 22 साल की उम्र से मिली जिम्मेदारी ने उन्हें एक बेहतरीन लीडर बना दिया।
कप्तानी वो आईना है जिसमें श्रेयस अय्यर खुद को सबसे बेहतर देखते हैं।
IPL 2025 खत्म हो चुका है, लेकिन चर्चा अब भी है — एक कप्तान की जो टीम को फाइनल तक लेकर गया, जिसने बल्ले से 604 रन जड़े और जिसने मैदान के बाहर एक बड़ा बयान दिया।
श्रेयस अय्यर ने कहा, “मैं 22 साल की उम्र से कप्तानी कर रहा हूं और यह अनुभव मुझे हमेशा प्रेरित करता है। कप्तानी से जिम्मेदारी आती है और टीम के सामने जब भी कोई चुनौती आती है, तो सबसे पहले कप्तान की तरफ देखा जाता है।”
अय्यर का यह बयान ना सिर्फ उनके संघर्ष की झलक देता है, बल्कि बताता है कि क्यों उन्हें एक अगला बड़ा लीडर माना जा रहा है।
📌 श्रेयस अय्यर का कप्तानी के प्रति नजरिया
- अय्यर ने कबूल किया कि उन्हें कप्तानी से खुद को बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है।
- 22 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार कप्तानी की और तभी से नेतृत्व उनके खेल का अभिन्न हिस्सा बन गया।
- उन्होंने कहा, “कप्तानी करना और टीम का नेतृत्व करना मुझे बहुत पसंद है।”
- अय्यर मानते हैं कि जब टीम दबाव में होती है, तब कप्तान की सोच और आत्मविश्वास ही बाकी खिलाड़ियों को प्रेरित करता है।
📌 IPL 2025 में अय्यर का धमाकेदार प्रदर्शन
- पंजाब किंग्स के कप्तान के रूप में उन्होंने 604 रन बनाए, जिसमें 6 अर्धशतक शामिल थे।
- RCB के खिलाफ हुए फाइनल मैच में भी उन्होंने शानदार खेल दिखाया, हालांकि टीम को ट्रॉफी नहीं मिली।
- पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स को चैंपियन बनाने के बाद इस साल पंजाब को फाइनल तक ले जाना, ये बताता है कि उनकी कप्तानी में निरंतरता है।
📌 टेस्ट टीम से बाहर होने पर भी आत्मविश्वास बरकरार
- IPL में शानदार फॉर्म के बावजूद अय्यर को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट टीम में नहीं चुना गया।
- इस पर उन्होंने कहा, “मैं परिस्थिति को अपनाता हूं और दर्शकों की ऊर्जा को खुद में समाहित करता हूं।”
- उनके मुताबिक, भीड़ की चीख-पुकार, समर्थन और विरोध — ये सब उन्हें और बेहतर खेलने के लिए प्रेरित करते हैं।
📌 टी20 मुंबई लीग में भी कप्तानी का जलवा
- IPL के बाद अय्यर ने टी20 मुंबई लीग में भी कप्तानी की जिम्मेदारी निभाई।
- उन्होंने सोबो मुंबई फाल्कन्स को सेमीफाइनल में पहुंचाया।
- सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे जैसे बड़े नामों के साथ खेलते हुए भी उन्होंने नेतृत्व में कोई कमी नहीं दिखाई।
📌 कप्तानी से ऊर्जा और प्रेरणा कैसे मिलती है?
- अय्यर ने कहा कि जब वह कप्तान होते हैं, तो वह खुद को “ज़ोन” में लाने की कोशिश करते हैं।
- वो भीड़ की एनर्जी को फील करते हैं और उसे अपने खेल में बदलते हैं।
- “जब स्टेडियम मेरा नाम चिल्लाता है, तो मुझे लगता है मैं कुछ खास कर सकता हूं।”
✅ निष्कर्ष:
श्रेयस अय्यर केवल एक बल्लेबाज नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य भी हैं — एक ऐसा खिलाड़ी जो चुनौती से नहीं डरता, बल्कि उससे ऊर्जा लेता है। उनकी कप्तानी ने साबित कर दिया है कि वह मैदान पर सिर्फ रन नहीं बनाते, बल्कि नेतृत्व में भी बेमिसाल हैं।
अगर भारतीय क्रिकेट को एक भरोसेमंद, ठंडे दिमाग वाला और जुनूनी लीडर चाहिए — तो शायद अगला नाम श्रेयस अय्यर ही होना चाहिए।
विराट कोहली का टेस्ट करियर ऑफ स्टंप की गलती ने खत्म किया? मोंटी पनेसर का बड़ा दावा