टीम इंडिया जब 20 जून 2025 से इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलने उतरेगी,
तो ड्रेसिंग रूम में एक चेहरा साफ़ नज़र नहीं आएगा — चेतेश्वर पुजारा।
इन्हें अक्सर कहा जाता है “टेस्ट क्रिकेट की दीवार”,
लेकिन इस बार वो स्क्वाड से ही बाहर हैं।
सवाल उठता है — क्या इस दीवार के बिना टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी ढह जाएगी?
🧱 पुजारा की गैरहाज़िरी – सिर्फ एक चयन या रणनीतिक गलती?
चेतेश्वर पुजारा ने 103 टेस्ट में 7195 रन बनाए हैं।
ऑस्ट्रेलिया में 1258 गेंदें खेलकर इतिहास रचने वाले इस खिलाड़ी ने
तीन शतक जड़े थे एक ही सीरीज़ में —
वहीं इंग्लैंड में उनका अनुभव और रुककर खेलने की क्षमता
टीम के लिए संजीवनी हो सकती थी।
🇮🇳 नए कप्तान, नया युग — लेकिन क्या अनुभव की कुर्बानी ज़रूरी थी?
अब टीम की कमान शुभमन गिल के हाथों में है।
रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर अश्विन जैसे दिग्गज
पिछले छह महीनों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं।
ऐसे में पुजारा की गैरमौजूदगी का मतलब है —
एक भी अनुभवी बल्लेबाज़ नहीं बचा जो इंग्लैंड की तेज़ और स्विंग होती पिचों पर टिके रहने का माद्दा रखता हो।
🔍 BCCI का दांव – युवा जोश या अनुभवी होश की अनदेखी?
- BCCI का फोकस अब युवा खिलाड़ियों पर है
- लेकिन क्या इतिहास को नजरअंदाज़ करना ठीक है?
- क्या पुजारा जैसे बल्लेबाज़ को कम से कम एक आखिरी विदेशी दौरा नहीं मिलना चाहिए था?
📉 क्या पुजारा के बिना टीम इंडिया लड़खड़ाएगी?
इंग्लैंड में हालात कठिन होंगे:
तेज़ गेंदबाज़ी, मूवमेंट, और लंबी पारियों की ज़रूरत।
और वहां चेतेश्वर पुजारा जैसा खिलाड़ी मिस करना
टीम इंडिया को भारी पड़ सकता है।
❓ अब सवाल ये है — क्या ये टीम इंडिया का नया अध्याय है, या एक अहम पन्ने को फाड़ देना?
#CheteshwarPujara #INDvsENG #TestCricket #TeamIndia #PujaraComeback #BCCISelection #ShubmanGillCaptain