डिविलियर्स का ज़हरभरा खुलासा, किसके लिए बोले ‘टॉक्सिक’?
एबी डिविलियर्स जैसे खिलाड़ी जब अपनी जुबान खोलते हैं, तो क्रिकेट की दुनिया हिल जाती है। मिस्टर 360 डिग्री, जिन्होंने भारत में लाखों दिलों में जगह बनाई, अचानक अपनी पुरानी फ्रेंचाइजी को लेकर ऐसा बयान दे देंगे, किसी ने सोचा नहीं था। उन्होंने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि उन्होंने अपनी पुरानी टीम में “toxic people” यानी ज़हरीले लोगों का सामना किया था। इस बयान के बाद सोशल मीडिया और क्रिकेट गलियारों में सनसनी मच गई — सवाल उठे, क्या यह बयान रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए है?
आरसीबी नहीं, दिल्ली डेयरडेविल्स हैं निशाने पर
बयान के बाद सबसे पहले उंगलियाँ आरसीबी की ओर उठीं, लेकिन डिविलियर्स ने जो बात कही थी, वो उनकी पहली टीम के लिए थी — दिल्ली डेयरडेविल्स। आज की दिल्ली कैपिटल्स, वही टीम जहाँ से डिविलियर्स का आईपीएल सफर शुरू हुआ था। साल 2008 से 2010 तक उन्होंने सिर्फ तीन सीजन दिल्ली के लिए खेले, फिर RCB में आकर छा गए। दिल्ली के लिए उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा था और शायद उसका कारण अब जाकर साफ हुआ — टीम के भीतर का ज़हरीला माहौल।
जहरीले लोग कौन? नाम तो नहीं, इशारे बहुत कुछ कह गए
डिविलियर्स ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि “मैं किसी को मुश्किल में नहीं डालना चाहता, पर टीम में कई ज़हरीले लोग थे।” जब उनके उस दौर की दिल्ली टीम को देखा जाए, तो उसमें वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, ग्लेन मैग्रा और डेनियल विटोरी जैसे दिग्गज थे। अब मैग्रा और विटोरी के लिए तो डिविलियर्स ने तारीफों के पुल बांधे — “मैग्रा ने मुझसे कहा कि उन्हें मेरा खेल पसंद है,” ये लाइन बताती है कि वो दोनों उस ‘toxic’ लिस्ट में नहीं थे। तो फिर बचे कौन?
गंभीर या सहवाग? अंदाज़े ज़ोरों पर हैं
सोशल मीडिया पर अब अंदाज़े तेज हो गए हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि शायद वीरेंद्र सहवाग, जिनकी बेबाकी और मस्तमौला अंदाज़ के किस्से मशहूर हैं, कुछ ऐसा कह गए हों जो डिविलियर्स को चुभ गया हो। वहीं दूसरी ओर गौतम गंभीर भी चर्चा में हैं — जिनका गुस्सा और टकराव की प्रवृत्ति मैदान पर सबने देखी है। हो सकता है कि डिविलियर्स की परेशानी उनके साथ हो। दोनों में से कोई एक ज़रूर उस “toxic vibe” का हिस्सा रहा होगा, जिसका ज़िक्र AB ने किया।
डिविलियर्स की कड़वी यादें, लेकिन कुछ रिश्ते अमूल्य भी रहे
हालांकि इस बयान के साथ डिविलियर्स ने यह भी कहा कि ग्लेन मैग्रा और डेनियल विटोरी जैसे दिग्गजों के साथ समय बिताना उनके करियर का बेहद खास हिस्सा रहा। उन्होंने 2006 में मैग्रा के खिलाफ पहला टेस्ट खेला था और 2008 में उसी दिग्गज के बगल में बैठकर तारीफें सुनीं — यह उनके लिए एक सपना जैसा था। यानी जहाँ एक ओर दिल्ली का अनुभव ‘खट्टा’ था, वहीं कुछ रिश्ते ‘मीठे’ भी थे।
पुराने घाव हरे, लेकिन सवाल अब भी खुला है
एबी डिविलियर्स ने भले ही सालों बाद यह बयान दिया हो, लेकिन इसने क्रिकेट फैंस के बीच एक नई बहस को जन्म दे दिया है। आखिर कौन था वो ज़हरीला साथी जिसने डिविलियर्स को खुलकर खेलने नहीं दिया? क्या यह बयान सिर्फ बीते हुए कल का अफ़सोस है या किसी नई कहानी की शुरुआत? जवाब शायद कभी न आए, लेकिन डिविलियर्स के शब्दों ने पुराने ज़ख्मों को जरूर कुरेद दिया है।
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