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IND vs ENG: कप्तानी का नया सूरज – शुभमन गिल ने बताया, टीम में किस तरह का माहौल बनाना चाहते हैं

Shubman Gill talks about team culture and captaincy inspiration from Kohli and Rohit

🌱 ‘सुरक्षित और खुशहाल माहौल’ – कप्तान बनते ही शुभमन गिल ने दिखाई नेतृत्व की परिपक्वता

टीम इंडिया की अगली पीढ़ी की कमान अब शुभमन गिल के हाथों में है और इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले गिल ने कप्तान के रूप में अपनी सोच दुनिया के सामने रखी है। उन्होंने कहा कि उनका पहला लक्ष्य सिर्फ ट्रॉफी जीतना नहीं, बल्कि ऐसा टीम कल्चर बनाना है, जिसमें हर खिलाड़ी खुद को सुरक्षित और खुश महसूस करे। स्काई स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में गिल ने कहा कि ये करना आसान नहीं होगा क्योंकि अलग-अलग स्क्वॉड्स और लगातार मैच चलते रहते हैं, लेकिन अगर वो ऐसा माहौल बना सके – तो यही उनकी सबसे बड़ी जीत होगी।


🧒 ‘कभी नहीं सोचा था मैं कप्तान बनूंगा’ – शुभमन के सपनों में बसता था सिर्फ भारत

गिल ने दिनेश कार्तिक से बात करते हुए कहा कि उन्होंने कभी कप्तान बनने का सपना नहीं देखा था। जब वो छोटे थे, तो बस एक ही ख्वाहिश थी – भारत के लिए खेलना, देश के लिए मैच जिताना। कप्तानी जैसी कोई योजना नहीं थी, और जब उनके पिता को पता चला कि शुभमन को कप्तानी सौंपी गई है, तो वो भी थोड़े चौंके। गिल ने मुस्कुराते हुए कहा – “पापा को भी नहीं लगा था कि मैं कप्तान बनूंगा, शायद मुझे भी नहीं।”


🔥 ‘विराट भाई की सोच और रोहित भैया का माहौल’ – दोनों कप्तानों से सीखी गहरी बातें

गिल ने विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी से जो सबक लिए, वो आज उनके नेतृत्व का हिस्सा हैं। विराट कोहली की बात करते हुए शुभमन ने कहा, “उनकी मैदान पर सक्रियता, रणनीति और सोच बेहद प्रभावशाली थी। अगर कोई प्लान फेल हो जाता तो उनके पास तुरंत दूसरा प्लान तैयार रहता। वो गेंदबाजों से खुलकर बात करते थे और उनकी कप्तानी में एक तरह की साफगोई थी।”

वहीं रोहित शर्मा को लेकर गिल ने दिल छू लेने वाली बात कही – “अगर रोहित भैया आपको गाली भी दे दें तो आपको बुरा नहीं लगेगा। वो ऐसा माहौल बनाते हैं जहां हर खिलाड़ी सहज महसूस करता है। उनका गुस्सा भी टीम के भले के लिए होता है – वो दिल से बोलते हैं, और टीम के लिए सोचते हैं।”


🌟 नए कप्तान की नई सोच – शुभमन गिल के नेतृत्व में दिखेगा टीम इंडिया का एक नया चेहरा?

शुभमन गिल के शब्दों में सिर्फ कप्तानी की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक युवा लीडर की गहराई और संवेदनशीलता भी नजर आई। वो उस जेनरेशन से आते हैं, जो न सिर्फ प्रदर्शन में विश्वास रखती है, बल्कि टीम को एक परिवार की तरह महसूस कराना चाहती है। इंग्लैंड के खिलाफ ये सीरीज उनके लिए सिर्फ कप्तानी की शुरुआत नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और रणनीतिक सोच वाले कप्तान के जन्म की शुरुआत भी हो सकती है।

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