दूसरे दिन तय हो गई थी हार, फिर कैसे जीता South Africa?
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का फाइनल जैसे ही लॉर्ड्स में खेला गया, क्रिकेट फैंस की नज़रें इस मुकाबले पर टिक गईं। लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम, जो दूसरे दिन लगभग हार की दहलीज पर थी, वो चौथे दिन विजेता बनकर उभरेगी। इस मैच में ऐसा ड्रामा हुआ कि क्रिकेट इतिहास में ये मुकाबला हमेशा के लिए दर्ज हो गया। दूसरे दिन तक ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी था, लेकिन चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका ने जो पलटवार किया, वो अविश्वसनीय था।
जब 138 पर ऑलआउट हुई South Africa, और ऑस्ट्रेलिया को मिली 74 रन की लीड
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पहली पारी में 212 रन बनाए। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम सिर्फ 138 रन पर सिमट गई। यह स्कोर देखकर लगा कि मैच यहीं से फिसल गया है। ऑस्ट्रेलिया को 74 रनों की पहली पारी की बढ़त मिल चुकी थी और स्टंप्स तक दूसरी पारी में उन्होंने 144/8 बना लिए थे। दूसरे दिन का खेल खत्म होते-होते ऑस्ट्रेलिया की कुल बढ़त 218 रन तक पहुंच गई थी।
तीसरे दिन से बदला खेल, Australia 207 पर ऑलआउट
तीसरे दिन क्रिकेट इतिहास में एक नया मोड़ आया। ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 207 रन पर सिमट गई। यानी अफ्रीका को जीत के लिए 282 रन का टारगेट मिला – वो भी लॉर्ड्स जैसे मैदान पर, जहां 200 से ऊपर का लक्ष्य चेज़ करना टेस्ट क्रिकेट में लगभग नामुमकिन सा होता है। लेकिन यहीं से South Africa ने क्रिकेट को एक नई कहानी दे दी।
चौथे दिन का करिश्मा – Markram और Bavuma ने किया इतिहास
चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका ने जो खेल दिखाया, उसने हर किसी को हैरान कर दिया। आखिरी पारी में 282 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने सिर्फ 5 विकेट खोकर यह मैच जीत लिया। एडन मार्करम ने 136 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली, जो कि इस मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। वहीं कप्तान तेंबा बावुमा ने भी 66 रन बनाए और मुश्किल हालात में टीम को सहारा दिया।
Australia की गलतियां और South Africa का धैर्य बना जीत की चाबी
मैच में एक ऐसा पल भी आया जब स्टीव स्मिथ ने तेंबा बावुमा का आसान कैच छोड़ दिया। यह गलती ऑस्ट्रेलिया को बहुत भारी पड़ी। अगर वह कैच लिया जाता तो शायद कहानी कुछ और होती। लेकिन यही तो टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती है – एक पल में बदल जाती है पूरी बाज़ी। चौथे दिन के पहले ही सेशन में South Africa ने मैच खत्म कर दिया और WTC Final 2025 के विजेता बन गए।
निष्कर्ष: जब हार से जीत तक की कहानी बनी मिसाल
यह मुकाबला सिर्फ एक जीत नहीं थी, यह विश्वास, धैर्य और जुनून की जीत थी। दक्षिण अफ्रीका ने यह दिखा दिया कि मैच में तब तक कुछ भी तय नहीं होता, जब तक आखिरी गेंद न डाली जाए। लॉर्ड्स के मैदान पर 282 रनों का पीछा कर पहली बार WTC खिताब जीतना – यह इतिहास हमेशा याद रखा जाएगा।
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