🗓️ 25 मई 2025 | ✍️ IPLJANKARI_hindi
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली ने जैसे ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, वैसे ही उनके जीवन में एक नई शांति और गहराई देखने को मिली। इसी शांति की तलाश में कोहली और उनकी पत्नी, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, आज अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंचे।
जहां एक तरफ कोहली के क्रिकेट करियर का एक युग समाप्त हुआ, वहीं दूसरी तरफ इस यात्रा ने उनके निजी जीवन में आध्यात्मिकता के एक नए अध्याय की शुरुआत कर दी।
हनुमान गढ़ी मंदिर – श्रद्धा, शक्ति और संकल्प का प्रतीक
अयोध्या के राम जन्मभूमि के पास स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर को भगवान हनुमान के प्रमुख स्थलों में से एक माना जाता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 76 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी होती है – एक प्रतीक है समर्पण और तपस्या का।
मुख्य गर्भगृह में विराजमान हैं एक खास मूर्ति – माता अंजनी की गोद में बैठे बाल हनुमान, जिनकी लंबाई मात्र 6 इंच है, लेकिन श्रद्धा में उनकी विशालता असीम है।
विराट और अनुष्का ने मंदिर में विधिवत पूजा की और प्रसाद स्वरूप उन्हें हनुमान जी की एक छोटी प्रतिमा और एक चित्र फ्रेम में भेंट किया गया, जो हिन्दू परंपरा में रक्षा, शक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक माने जाते हैं।
कोहली का आध्यात्मिक रुख – क्रिकेट से भीतर की यात्रा तक
विराट कोहली हमेशा से मैदान पर आक्रामक और जोशीले खिलाड़ी के रूप में जाने जाते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनका झुकाव आध्यात्मिकता और आत्म-संयम की ओर साफ नजर आया है। अनुष्का शर्मा के साथ वे कई बार ऋषिकेश, वृंदावन और काशी जैसे स्थलों पर देखे गए।
इस बार अयोध्या की यात्रा टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के कुछ ही घंटों बाद हुई – एक प्रतीकात्मक कदम, शायद खुद को फिर से खोजने का।
अनुष्का शर्मा – विराट की आध्यात्मिक साथी
अनुष्का भी खुद एक आध्यात्मिक साधक मानी जाती हैं। उन्होंने कई मौकों पर ध्यान, योग और वैदिक जीवनशैली को अपनाने की बात कही है। विराट के साथ उनकी यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन का हिस्सा बन चुकी है – जहां प्रसिद्धि से दूर, आत्मिक शांति की तलाश है।
निष्कर्ष – विराट का नया अध्याय शुरू
टेस्ट क्रिकेट से अलविदा कहने के बाद विराट कोहली ने जिस तरह से हनुमान जी के चरणों में सिर झुकाया, वह सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि एक भावनात्मक और व्यक्तिगत निर्णय था।
क्रिकेट के ‘किंग कोहली’ अब शायद जीवन के उस मोड़ पर हैं जहां बाहरी मैदान से भीतर के मैदान की ओर रुख कर रहे हैं। और इस सफर में उनके साथ हैं अनुष्का – उनकी जीवन संगिनी और आत्मिक सहयात्री।
आपका विचार:
क्या विराट कोहली की ये आध्यात्मिक यात्रा उनके जीवन के अगले अध्याय का संकेत है?
क्या यह दर्शाता है कि खेल के बाद भी मानसिक शांति और संतुलन सबसे जरूरी है?
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