क्रिकेट फैंस के लिए मई 2025 का महीना जैसे किसी सदमे से कम नहीं था। सबसे बड़े क्रिकेटिंग सितारों में शुमार विराट कोहली और रोहित शर्मा—दोनों ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। दोनों के एक साथ हटने से भारतीय टेस्ट टीम के भविष्य को लेकर हर तरफ सवाल उठने लगे हैं। आइए जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम के पीछे की कहानी और सच क्या है!
विराट कोहली का चौंकाने वाला फैसला
12 मई 2025 को विराट कोहली ने पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया। शानदार रिकॉर्ड्स और ऐतिहासिक उपलब्धियों से सजी उनकी टेस्ट जर्नी अचानक थम गई। इनकी विदाई की टाइमिंग ने कयासों का बाजार भी गर्म कर दिया। खबरों के मुताबिक, टीम के अंदरूनी माहौल और कुछ अनबन इसके पीछे की बड़ी वजह रही।
रोहित शर्मा का साथ में संन्यास
कोहली के रिटायरमेंट से चंद दिन पहले रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। दोनों दिग्गजों का एक साथ हटना एक बड़ी लीडरशिप वैकेंसी छोड़ गया है, जिससे टीम इंडिया की टेस्ट इकाई की नई दिशा पर चर्चा तेज हो गई है।
गौतम गंभीर की रणनीति और विवाद
टीम इंडिया के नए हेड कोच बने गौतम गंभीर के आते ही बदलाव की बयार चली। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि गंभीर ने टीम में “फ्रेश फेस” और युवा खिलाड़ियों को मौका देने की सिफारिश की, जिससे कोहली और रोहित को किनारे करने की स्थिति बनी। यह भी कहा जा रहा है कि कोहली, गंभीर के रवैये और खासतौर से सीनियर खिलाड़ियों के प्रति व्यवहार से असंतुष्ट थे।
कोहली बनाम गंभीर: अंदरूनी टकराव
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि कोहली और गंभीर के बीच टीम रणनीति और सीनियर खिलाड़ियों को लेकर अनबन बढ़ गई थी। कोहली को यह भी पसंद नहीं आया कि उनके करीबी रोहित शर्मा के साथ टीम मैनेजमेंट का कैसा व्यवहार था।
चयनकर्ता अजीत अगरकर की भूमिका
टीम के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर के एक बयान ने मामले को और गरमा दिया, जब उन्होंने कोहली की टेस्ट क्रिकेट में प्रतिबद्धता पर सवाल उठा दिए। यही नहीं, बताया जा रहा है कि गंभीर की कप्तानी ऑफर और टीम के बदलते समीकरणों से कोहली असहज महसूस करने लगे थे।
अपनी शर्तों पर विदाई
सूत्रों के मुताबिक, कोहली किसी भी ‘दबाव या दया’ में खेलना नहीं चाहते थे। ऐसे माहौल में उन्होंने खुद से विदा लेना बेहतर समझा, जिससे क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों में झटका था।
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टीम इंडिया में नई शुरुआत: गिल की अगुवाई
अब विराट और रोहित की विदाई के साथ ही शुबमन गिल जैसे युवा खिलाड़ी पर नेतृत्व की जिम्मेदारी आ सकती है। गौतम गंभीर अब भारतीय टेस्ट क्रिकेट में नए युग की शुरुआत करने जा रहे हैं—जहां ताजगी, जोश और नई रणनीति का मेल दिखने की उम्मीद है।
बड़ा सवाल—नयापन या अपमान?
अब बहस छिड़ी है कि क्या टीम की यह रीसेट यथार्थ में सही है या फिर सीनियर खिलाड़ियों के साथ जल्दबाज़ी और अनादर? कुछ पुरानी हस्तियां गंभीर के नौजवानों के समर्थन में हैं तो कुछ ने इस ‘जल्दी विदाई’ को गलत ठहरा दिया है।
भारत के टेस्ट क्रिकेट भविष्य पर असर
कोहली-रोहित के बीच से हटने के बाद भारतीय टेस्ट टीम फिर से खड़ी होगी या चुनौती ही रह जाएगी? सबकी नजरें अब युवा खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस और मैनेजमेंट की अगली चाल पर हैं—खासतौर से 2025-2027 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दौर में।
निष्कर्ष:
फिलहाल, यह साफ है कि कोहली और रोहित के रिटायरमेंट के पीछे केवल गंभीर की रणनीति ही नहीं, बल्कि कई परतें और व्यक्तिगत मतभेद भी वजह रहे। लेकिन टीम इंडिया के नए युग की शुरुआत भी, इसी मोड़ से होने जा रही है!
और क्या लगता है आपको—गंभीर की रणनीति सही है या सीनियर खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी? अपने विचार कमेंट में ज़रूर बताएं!